'बहाना नहीं, ठोस कारण है। नब्बे किलो तो होगा ही।'
'क्या बक रहे हो?'
'जिसके कारण देर हुई उसका वजन बता रहा था। इधर देखो।' कह कर उसने कार की पिछली सीट की ओर इशारा किया।...
मथुरा कलौनी
का रहस्य, रोमांच और हास्य से भरपूर उपन्यास
विषकन्या
http://www.abook2read.com/vishkanya.html
Sunday, May 9, 2010
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